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खुश रहे ज़िंदगानी नए साल में

दिल की बातें दिल से
दिल की बातें दिल से
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जागरण जंक्शन के सभी मित्रों को नए साल की दिली मुबारकबाद इस ग़ज़ल के साथ :

छोड़ बातें पुरानी नए साल में।

आ लिखें इक कहानी नए साल में॥


हम नए साल में रब से मांगे दुआ,

खुश रहे ज़िंदगानी नए साल में॥


चलने देंगे नहीं आओ वादा करें,

झूँठ की हुक्मरानी नए साल में॥


ज़ख्म है दामिनी का हरा आज भी,

हो न फिर ये कहानी नए साल में॥


भूँका प्यासा न रह जाये कोई यहाँ,

सबको दो दाना पानी नए साल में॥


दुश्मनों को मिले हार चारों तरफ,

मिट्टे उनकी निशानी नए साल में॥


मुल्क़ में चाहिए प्यार, चैनो-अमन,

काम आए जवानी नए साल में॥


फूल खुशियों के आँगन में सबके खिले,

महँके अब रातरानी नए साल में॥


देश में अब अमन की हवा चाहिए,

हो फिजाँ ज़ाफ़रानी नए साल में॥


भूल कर दोस्तों सारे शिकवे गिले,

दोस्ती है निभानी नए साल में॥


सबको “सूरज” मुबारक नया साल हो,

ज़िंदगी हो सुहानी नए साल में॥


डॉ॰ सूर्या बाली “सूरज”

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