दिल की बातें दिल से
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झगड़ू पड़ा बीमार मेरे अस्पताल में।
(1) बड़ा बेज़ार(2) मेरे अस्पताल में॥
आया जो पहली मर्तबा वो ठीक-ठाक था,
आकर हुआ बीमार मेरे अस्पताल में॥
होता यहाँ व्यापार इंसानों की मौत का,
लगता है इक बाज़ार मेरे अस्पताल में॥
(3),
होता जुतम पैज़ार मेरे अस्पताल में॥
चलते हैं नर्सिंग होम विभागों में शौक से,
(4) मेरे अस्पताल में॥
बीमार जान जाता है मरने के हैं करीब,
जब लाते रिश्तेदार मेरे अस्पताल में॥
दोबारा आने की कभी हिम्मत न करेगा,
जो आ गया इक बार मेरे अस्पताल में॥
कोई नहीं है पूछता मुफ़लिस मरीज को,
सहता वो अत्याचार मेरे अस्पताल में॥
(5),
पैसे से जो लाचार मेरे अस्पताल में॥
डॉ॰ सूर्या बाली “सूरज”
1. मुफ़लिस =गरीब 2. बेज़ार =दुखी, निराश 3. चारागर=डाक्टर 4. एम आर =दावा कंपनी के प्रतिनिधि 5. ख़ुदकुशी=आत्महत्या
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